गांधी जयन्ती

 बापू  करते   सबको  प्यार।

सत्य अहिंसा  ही हथियार।।

अट्ठारह सौ उन्हत्तर सन में।

2 अक्टूबर  के दिन जन्मे।।


जिला काठियावाड़ राज्य गुजरात।

पोरबन्दर  में  सुखद  प्रभात।।

पिता करमचन्द माँ पुतलीबाई।

मोहनदास   ने   गोद   सुहाई।।


बापू  यही  महात्मा  गांधी।

अंग्रेजों  को  जैसे  आँधी।।

सूत कातते  थे  तकली से।

घृणा विदेशी व नकली से।।


कहते  चरखा  खूब चलाओ।

वसन विदेशी आग जलाओ।।

षड्यंत्रों  की  दाल  गली  न। 

ब्रिटिश हुकूमत पौध पली न।।


न  गोली   तलवार  चलाए।

बीन - बीन  अंग्रेज भगाए।।

सीधे - सादे  कर में  लाठी।

साधारण इनकी कदकाठी।।


धोती  ही   इनका  परिधान।

जनसेवा  का  सदा विधान।।

रघुपति  राघव   राजा  राम।

गाते नित्य सुबह अरु शाम।।


बिन श्रम जो जन भोग लगाते।

समझो अन्न  पाप का  खाते।।

बुरा  न   देखो, सुनना, कहना।

तीन  बन्दरों  से  गुण  ग्रहना।।


राष्ट्रपिता   कहता  जग   सारा।

आज जन्मदिन  उनका प्यारा।।

श्रद्धा  सुमन  आपको  अर्पित।

'माधव' हम सब जन हैं गर्वित।।


रचयिता

कवि सन्तोष कुमार 'माधव',

सहायक अध्यापक,

पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुरहा,

विकास खण्ड-कबरई,

जनपद-महोबा।



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