दीपों का त्योहार दीवाली

दीपों का त्योहार दीवाली 

लाता खुशियाँ अपार दीवाली 

जगमग घर का हर इक कोना 

दूर करे अंधकार दीवाली 


कार्तिक अमावस्या के दिन 

श्रद्धापूर्वक मनाई जाती

असंख्य दियों की रोशनी से 

धरा ये पूरी जगमगाती 


करती हर गृहणी दिल से 

साफ़-सफ़ाई और सजावट 

तोरण बंदनवार बनाती 

रख होंठों पर मुस्कुराहट 


माँ लक्ष्मी और श्री गणेश की 

करें मिलकर सब स्तुति 

शुभम करोति कल्याणम की 

दिल को होती अनुभूति 


प्रेम भाव का दिया जलाकर 

दूर करें मन का अँधियारा 

श्री राम सा चरित्र अपनाकर 

बनना हर केवट का सहारा 


करती "पारुल" बस ये विनती 

इस दीवाली शीश झुकाएँ 

सच्चा धन है निरोगी काया 

हर जन को बस ये दे जाएँ


रचयिता
पारुल चौधरी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय हरचंदपुर,
विकास क्षेत्र-खेकड़ा,
जनपद-बागपत।



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