रोशनी
नज़र आये रोशनी की किरण,
जाग जाए आशा की किरण,
जब हो दीपोत्सव,
हो आशाओं का ज्योतिपुंज सब तरफ।
आँखों को मिल जाये दिशा,
हो जब समक्ष रोशनी,
दे दो हर दिल को दिशा,
ऐ मेरी रोशनी।
बन जाओ हमसफ़र,
ओ मेरी रोशनी,
जब होगा पग-पग रोशन,
सफर होगा जैसे फुलझड़ी।
रोशन करें दिल का दिया,
देकर प्यार का घृत,
जल जाएँ नफरतों की बत्तियाँ,
बसा जाएँ प्यार की बस्तियाँ।
हो दीपोत्सव सफल,
है यही तमन्ना,
हो नन्हें से दीये का जीवन सफल,
करे वो यही आराधना।।
रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।
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