विश्व प्रकृति दिवस
"उत्तम रचना" है प्रकृति का सही अर्थ,
समझो इसको पूर्णतः, करो मत अनर्थ।
प्रकृति और मानव का रिश्ता है गहरा,
उत्तम रचना को करो मत तुम व्यर्थ।।
धरती घर का आँगन है मानव के लिए,
आसमान है छत मानव के लिए।
जीव जंतु वनस्पतियों का लुप्त होना नहीं अच्छा,
मूल उद्देश्य दिवस मनाने का है रक्षा के लिए।।
प्रतिवर्ष 3 अक्टूबर को विश्व प्रकृति दिवस मनाते,
प्रकृति की प्रत्येक वस्तु कीमती धरोहर बताते।
मुक्त करना प्रकृति को प्लास्टिक से हमें,
उसके जीवन को बचाने का बीड़ा हम उठाते।।
वृक्ष धरा का कहना है हमें मानना होगा,
वन्य प्राणियों का संरक्षण, संवर्धन करना होगा।
रूठ गई जो प्रकृति साँसों की रफ्तार थम जाएगी,
बढ़ाने को जीवन की धारा वृक्षों को उगाना होगा।।
प्रतिदिन बढ़ती जनसंख्या को हमें रोकना होगा,
सुरक्षा प्रकृति की हमें करना ही होगा।
प्राकृतिक असंतुलन चुनौती है हमारे लिए,
बिगड़ते संतुलन को हमें संतुलित करना होगा।।
रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
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