बापू जी
तर्ज - लेे के पहला-पहला प्यार
तुमको नमन है,
शत-शत बार।
शीश झुकाएँ,
हम बारम्बार।
तुमने किए हैं हम पे,
लाखों उपकार।
सत्य की राहों पे,
चलना सिखाया।
ना करना कभी हिंसा,
ये समझाया।
सादा जीवन उच्च विचार,
लोहा माने तेरा संसार।
तुमने किए हैं हम पे,
लाखों उपकार।
हाथ में लाठी लेे कर,
हुंकार लगाई।
दिलों में स्वतंत्रता की,
ज्योति जलाई।
किया फिर सबको खबरदार,
हम हैं भारत के पहरेदार।
तुमने किए हैं हम पे,
लाखों उपकार।
अंग्रेजों को तुमने,
मार भगाया।
भारत माँ को,
आजाद कराया।
ना कोई तीर तलवार,
थर थर काँपी ब्रिटिश सरकार।
तुमने किए हैं हम पे,
लाखों उपकार।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
Comments
Post a Comment