मम्मी मामा आये हैं
मम्मी मामा आये हैं।
कई खिलौने लाये हैं।
आम, पपीता, केला भी
नानी ने भिजवाये हैं।
हमको फल कब भाते हैं।
चाट, समोसा खाते हैं।
पिज्जा, बर्गर, चाउमीन
मामा से मँगवाते हैं।
भाई तेरा चालू है।
नाम रखाये लालू है।
कपड़े, टोपी काले हैं
लगता जैसे भालू है।
लाओ मम्मी खाना अब।
पूड़ी - खीर पकाई कब।
भजिया, मीठा खायेंगे
मम्मी, मामा, पापा सब।
रचयिता
कवि सन्तोष कुमार 'माधव',
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुरहा,
विकास खण्ड-कबरई,
जनपद-महोबा।
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