आया प्यारा सा त्योहार
भाई-बहन के प्यार का है ये त्योहार,
भाई-बहन के स्नेह को दर्शाता।
दीपावली के दो दिन बाद है आता,
भ्रातृ या यम द्वितीया भी कहलाता।।
सर्वप्रथम द्वापर युग में,
सुभद्रा जी ने कृष्ण जी को तिलक लगाया।
तभी से यह प्यारा त्योहार,
मान्यता में है आया।।
बहनें खुशीपूर्वक भाइयों को तिलक करतीं,
खिला मिठाई भाई का मुँह मीठा करतीं।
ईश्वर से माँगतीं दीर्घायु व खुशहाली अपार,
भाई से पातीं उपहार और ढेर सारा प्यार।।
कहती भाई से नहीं माँगती भैया मैं हिस्सा,
बस अपना प्यार ऐसे ही बनाए रखना।
मैं जब-जब भी आऊँ द्वारे तुम्हारे,
बस ऐसे ही पलकें बिछाए रखना।।
माँगती हूँ ईश्वर से तुम सदा रहो खुशहाल।
खुशकिस्मत हूँ मैं जो प्यार तुम्हारा पाया,
देखो भैया देखो,
भाई दूज का त्योहार आया।।
हमारा यह अनमोल रिश्ता बना रहे,
अटूट प्यार ऐसे ही सदा बना रहे।
मैं ना तुमसे माँगूँ चाँदी और ना ही माँगूँ मैं सोना,
भैया मैं माँगूँ बस ये प्यार तुम्हारा कभी कम हो ना।।
बचपन का वो प्यार नोंकझोंक ऐसे ही बनाए रखना,
भैया मेरा वह कमरा जैसा तब था ऐसे ही सजाए रखना।
माँ-पापा की कभी याद ना आए,
ईक ऐसा मधुर प्यार बनाए रखना।।
रचयिता
ब्रजेश सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बीठना,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
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