हे मात लक्ष्मी!
हे मात! लक्ष्मी आ जाओ,
मेरी झोली खाली भर जाओ।
मझधार पड़ी नैया मेरी,
है आस तुम्हीं से माँ मेरी।
मेरी नैया पार लगा जाओ,
मेरी झोली खाली भर जाओ।
हे मात लक्ष्मी!.....
तेरे बिन ना कोई हमारा है,
बस तू ही एक सहारा है।
तेरी ममता हम पे लुटा जाओ,
मेरी झोली खाली भर जाओ।
हे मात लक्ष्मी!.....
निर्धनता ने तोड़ा हमको,
अपनों ने ही छोड़ा हमको।
हमें अपने गले से लगा जाओ,
मेरी झोली खाली भर जाओ।
हे मात लक्ष्मी!.....
भूख प्यास से व्याकुल हैं,
मौसम की मार से आकुल हैं।
हमें आकर धीर बँधा जाओ,
मेरी झोली खाली भर जाओ।
हे मात लक्ष्मी!.....
तुझे श्रृद्धा पुष्प चढ़ाएँ हम,
और चूनर लाल ओढाएँ हम।
भक्तों को दरश दिखा जाओ,
मेरी झोली खाली भर जाओ।
हे मात लक्ष्मी!.....
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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