राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस
आरोग्य का आस लिये,
विविध रोगों का निदान है।
वात, पित्त, कफ पर आधारित,
आयुर्वेद चिकित्सा का नाम है।।
वेदों का यह है सम्पूर्ण वेद,
दुःख-पीड़ा दूर करने की खान है।
पंचप्राण एवं पंचतत्व में समाहित,
आयुर्वेद व्याधि को वेद महान है।।
सेवा, अमरता, मृत्युंजय का वास,
प्राचीन होकर नवीनता का आवाह्न है।
प्रथम शल्य चिकित्सा का है यह मर्म,
सटीकता में आयुर्वेद अवैध निशान है।।
जीवन को दीर्घायु यह करता,
प्रकृति में बसा अनमोल पहचान है।
स्वस्थ, निरोगी काया है असली धन,
आयुर्वेद के प्रणेता धन्वंतरि भगवान है।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
आयुर्वेद में बीमारी का उपचार ही नहीं जड़ से समाधान भी है।🙏🙏🙏
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