अखंड सुहाग का व्रत:करवा चौथ

अखंड सुहाग का व्रत है करवा चौथ,

पति की दीर्घायु के लिए है करवा चौथ।

भारत के कई हिस्से में इसे मनाते हैं,

कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को होता है करवा चौथ।।


सौभाग्यवती स्त्रियाँ यह व्रत रखतीं,

दिन भर निराहार रह प्रार्थना करतीं।

श्रद्धा और भक्ति का समावेश इसमें,

चंद्र दर्शन के बाद इसे पूर्ण करतीं।।


सुहाग के रक्षार्थ इस व्रत का विधान,

करवा की कहानी का करना तुम ध्यान।

शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश, चंद्रमा की हो पूजा,

मिट्टी के करवे का न भूलो प्रावधान।।


सोलह श्रृंगार इस दिन धारण करो,

लाल, पीले, मेहरून रंग का वस्त्र धारण करो।

नैवेद्य, आरती, दीपक, थाली सजाओ,

पति के सानिध्य की तुम प्रार्थना करो।।


चाँद जैसी उम्र हो पति की हमारे,

साथ-साथ देखें इस जग के नजारे।

आए जो कोई संकट कभी भी,

मेरी दुआ उनके सारे कष्ट तारे।।


रचयिता

नम्रता श्रीवास्तव,

प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,

जनपद-बाँदा।


Comments

Total Pageviews

1168084