अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस
लड़कियों से ही सृष्टि है,
लड़कियों से है घर-संसार।
जननी, भार्या, बहना होती,
लड़कियाँ हैं अनुपम उपहार।।
हर क्षेत्र में योगदान देने वाली,
चुनौतियों झेलती हैं लड़कियाँ।
अधिकारों के प्रति जागरूक हो,
शोषण, भेदभाव से दूर हों लड़कियाँ।।
समान अधिकार और शिक्षा मिले,
स्वास्थ्य, पोषण और आजादी मिले।
19 दिसम्बर 2011 को इस उद्देश्य से,
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव दिये।।
अन्तरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत,
11 अक्टूबर 2012 को घोषणा से हुआ।
"क्योंकि मैं एक लड़की हूँ" अभियान से,
विश्व स्तर पर बालिका पोषण शुरू हुआ।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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