सावन
झम-झम करते आया सावन,
खुशगवार दिन लाया सावन।
काँवरियों के दिन मनभावन,
झूलों का दिन आया सावन।
शिव का माह ए भाया पावन,
झम-झम करते आया सावन।
उमस गई शीतलता छाई,
तन-मन में अंगड़ाई आई।
इती तपिश शीतल पुरवाई,
बही तलैया, सरिता उफनाई।
यह मौसम कितना मनभावन,
झम-झम करते आया सावन।
द्रुत गति से चल रही रोपाई,
बचे जमीं न खाली आनापाई।
कीचड़ खिली गई धूलमुरझाई,
भू-पर जल, है नभ में बदली छाई।
नाचे पपिहा वन में ले उम्मीदें बावन,
झम-झम करते आया सावन।
डाल-डाल पर पड़ गये झूले,
नहीं समाए खुशी से फूले।
हरित हो उठे, बाग वृक्ष-वन,
मधुर बयार में बहता तन-मन।
वर्णन मुश्किल सब मनभावन,
झम-झम करते आया सावन।
रचयिता
विजय मेहंदी,
सहायक अध्यापक,
KPS(E.M.School)Shudanipur, Madiyahu,
जनपद-जौनपुर।
खुशगवार दिन लाया सावन।
काँवरियों के दिन मनभावन,
झूलों का दिन आया सावन।
शिव का माह ए भाया पावन,
झम-झम करते आया सावन।
उमस गई शीतलता छाई,
तन-मन में अंगड़ाई आई।
इती तपिश शीतल पुरवाई,
बही तलैया, सरिता उफनाई।
यह मौसम कितना मनभावन,
झम-झम करते आया सावन।
द्रुत गति से चल रही रोपाई,
बचे जमीं न खाली आनापाई।
कीचड़ खिली गई धूलमुरझाई,
भू-पर जल, है नभ में बदली छाई।
नाचे पपिहा वन में ले उम्मीदें बावन,
झम-झम करते आया सावन।
डाल-डाल पर पड़ गये झूले,
नहीं समाए खुशी से फूले।
हरित हो उठे, बाग वृक्ष-वन,
मधुर बयार में बहता तन-मन।
वर्णन मुश्किल सब मनभावन,
झम-झम करते आया सावन।
रचयिता
विजय मेहंदी,
सहायक अध्यापक,
KPS(E.M.School)Shudanipur, Madiyahu,
जनपद-जौनपुर।
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