सर्व शिक्षा लक्ष्य महान

सर्व शिक्षा का है लक्ष्य महान,
घर-घर में होगा अब तो विहान।

देश के बच्चे सब हैं निराले,
कल के यही तो नये हैं उजाले।
अब समता का भाव जगाओ
 परिवर्तन का सपना सजाओ।
तनय और तनया हैं दोनों समान,
 पढ़ेंगे सभी तो फिर होंगे महान।
सर्व शिक्षा का-- - -

माँ के जो प्यारे कितने दुलारे
हर घर के वो हैं तारे सितारे।
ज्ञान का उनमें दीप जला दो
उपवन में जैसे फूल खिला दो।
सबको मिलें शिक्षा के अनुदान
बन जाए भारत विकसित महान।
सर्वशिक्षा का - - -

दीप जलाना है जहाँ भी अँधेरा,
लाना हमें अब प्रगति का सबेरा।
जन मन के नव सपने सजाएँ।
सोते हुए जो उन्हें भी जगाएँ।
शिक्षा से होती नई पहचान,
शिक्षा है गरिमा, शिक्षा है,शान।
सर्व शिक्षा का लक्ष्य महान- -

रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला, 
जनपद -सीतापुर।

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