प्राथमिक शिक्षा का राज हो
मेहनत हम करेंगे, हिम्मत हम करेंगे,
सुलग उठे की चिंगारी जो उसमें दम भरेंगे।
छोटे-छोटे फूल हैं यह तो बगिया इनसे महकेगी,
थोड़ा सा तो समय लगेगा मेहंदी फिर भी रंग देगी।
सारे जहां में फैले खुशबू ऐसा गजब करेंगे,
सुलग उठे की चिंगारी जो उसमें दम भरेंगे।
नन्हें हाथों को पकड़कर चलना हमें सिखाना है,
कौन सी राह मंजिल की है यह भी तो बताना है।
एक जो चला सही राह पर सब ही फिर चलेंगे,
सुलग उठे की चिंगारी जो इसमें दम भरेंगे।
कुछ इस तरह हम दे शिक्षा हमको इस पर नाज हो,
मेरी तो यही है इच्छा प्राथमिक शिक्षा का राज हो।
अपने कार्य क्षेत्र में अच्छा करके हम तरेंगे,
सुलग उठे की चिंगारी जो उसमें दम भरेंगे।
रचयिता
सुषमा नेगी,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय आर्य नगर काठ बंगला नगर,
जिला- देहरादून,
उत्तराखण्ड।
सुलग उठे की चिंगारी जो उसमें दम भरेंगे।
छोटे-छोटे फूल हैं यह तो बगिया इनसे महकेगी,
थोड़ा सा तो समय लगेगा मेहंदी फिर भी रंग देगी।
सारे जहां में फैले खुशबू ऐसा गजब करेंगे,
सुलग उठे की चिंगारी जो उसमें दम भरेंगे।
नन्हें हाथों को पकड़कर चलना हमें सिखाना है,
कौन सी राह मंजिल की है यह भी तो बताना है।
एक जो चला सही राह पर सब ही फिर चलेंगे,
सुलग उठे की चिंगारी जो इसमें दम भरेंगे।
कुछ इस तरह हम दे शिक्षा हमको इस पर नाज हो,
मेरी तो यही है इच्छा प्राथमिक शिक्षा का राज हो।
अपने कार्य क्षेत्र में अच्छा करके हम तरेंगे,
सुलग उठे की चिंगारी जो उसमें दम भरेंगे।
रचयिता
सुषमा नेगी,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय आर्य नगर काठ बंगला नगर,
जिला- देहरादून,
उत्तराखण्ड।
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