महिला सशक्तीकरण विशेषांक-119,प्रियंका श्रीवास्तव, आजमगढ़
*👩👩👧👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-119*
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2373549009589349&id=1598220847122173
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*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
(दिनाँक- 04 जुलाई 2019)
नाम- प्रियंका श्रीवास्तव
पद-सहायक अध्यापक
विद्यालय-प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर ,सठियांव जनपद आज़मगढ़
नाम- प्रियंका श्रीवास्तव
पद-सहायक अध्यापक
विद्यालय-प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर ,सठियांव जनपद आज़मगढ़
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
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मैं प्रियंका श्रीवास्तव 9 नवम्बर 2015 को मैंने प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर ,सठियांव जनपद आज़मगढ़ में जॉइन किया।
मुझे कक्षा 1 को पढ़ाने का अवसर मिला ,मैंने अपने सभी बच्चों को अंग्रेजी में कविता कहानी यहां तक की समान्य ज्ञान भी सीखा दिया ।
◆8 जनवरी 2016 को जिलाधिकारी श्री सुहास एल वाई द्वारा मेरे विद्यालय का अवचक निरीक्षण होता है और कक्षा के बच्चों के जवाब से उन्होंने खुश हो कर प्रशस्ति पत्र दिया ।
◆वर्ष 2018 में मुझे जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान द्वारा शैक्षिक मेले में उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार मिला।
◆वर्ष 2018 में ही मैंने एक शिक्षकों का समूह बनाया जिसका नाम Lets do positive है उसमें जनपद के ज्यादातर शिक्षक है हम 16 शिक्षक मिल कर पूरे 40 दिन बिना किसी भी अवकाश के बेसिक के बच्चों के लिए लगभग 16 स्कूल में समर कैम्प लगाया और बच्चों को वाटर पार्क भी ले गए । शुरू में हम लोग अपने पैसे पर ये सब करते थे लेकिन हम लोगो का समर्पण देख कर हमारे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने हमारा भरपूर सहयोग किया।
अभी इस गर्मी की छुट्टियों में हमने ड्रॉपआउट बच्चियों की खोज की और सर्वेक्षण किया ।
विद्यालय में पपेट के माध्यम से वे अन्य TLM के प्रयोग से शिक्षा देना।
◆पपेट्री के माध्यम से जनजागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लेना।
मुझे कक्षा 1 को पढ़ाने का अवसर मिला ,मैंने अपने सभी बच्चों को अंग्रेजी में कविता कहानी यहां तक की समान्य ज्ञान भी सीखा दिया ।
◆8 जनवरी 2016 को जिलाधिकारी श्री सुहास एल वाई द्वारा मेरे विद्यालय का अवचक निरीक्षण होता है और कक्षा के बच्चों के जवाब से उन्होंने खुश हो कर प्रशस्ति पत्र दिया ।
◆वर्ष 2018 में मुझे जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान द्वारा शैक्षिक मेले में उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार मिला।
◆वर्ष 2018 में ही मैंने एक शिक्षकों का समूह बनाया जिसका नाम Lets do positive है उसमें जनपद के ज्यादातर शिक्षक है हम 16 शिक्षक मिल कर पूरे 40 दिन बिना किसी भी अवकाश के बेसिक के बच्चों के लिए लगभग 16 स्कूल में समर कैम्प लगाया और बच्चों को वाटर पार्क भी ले गए । शुरू में हम लोग अपने पैसे पर ये सब करते थे लेकिन हम लोगो का समर्पण देख कर हमारे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने हमारा भरपूर सहयोग किया।
अभी इस गर्मी की छुट्टियों में हमने ड्रॉपआउट बच्चियों की खोज की और सर्वेक्षण किया ।
विद्यालय में पपेट के माध्यम से वे अन्य TLM के प्रयोग से शिक्षा देना।
◆पपेट्री के माध्यम से जनजागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लेना।
_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*
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