जल बिन सूना है संसार
जल से ही जीवन का उद्भव
जल ही जीवन का आधार,
जल से ही अस्तित्व हमारा,
जल बिन सूना है संसार।
आदितत्व जीवन का इसमें
इसमें पलकर बडे हुए,
इसको संरक्षित रखना है,
जिससे हम सब खडे हुए।
हानि हुई तो मनुज धरा पर
जीवित न रह पाएगा,
गहराया यदि संकट इस पर,
मनुज न जीने पाएगा।
इसका होना, जीवन होना
इसका खोना, जीवन खोना,
इसके बिन धरती पर रोना,
मानव का अस्तित्व है खोना।
रचयिता
डॉ0 रंजना वर्मा "रेन",
प्राथमिक विद्यालय बूढ़ाडीह-1,
विकास खण्ड-भटहट,
जनपद-गोरखपुर।
जल ही जीवन का आधार,
जल से ही अस्तित्व हमारा,
जल बिन सूना है संसार।
आदितत्व जीवन का इसमें
इसमें पलकर बडे हुए,
इसको संरक्षित रखना है,
जिससे हम सब खडे हुए।
हानि हुई तो मनुज धरा पर
जीवित न रह पाएगा,
गहराया यदि संकट इस पर,
मनुज न जीने पाएगा।
इसका होना, जीवन होना
इसका खोना, जीवन खोना,
इसके बिन धरती पर रोना,
मानव का अस्तित्व है खोना।
रचयिता
डॉ0 रंजना वर्मा "रेन",
प्राथमिक विद्यालय बूढ़ाडीह-1,
विकास खण्ड-भटहट,
जनपद-गोरखपुर।
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