मुझे अच्छे लगते हैं

मुझे अच्छे लगते हैं बच्चे शरारत करते हुए
क्योंकि उनमें कुछ नई सोच है।

मुझे अच्छे लगते हैं बच्चे खेलते-कूदते हुए
क्योंकि उनमें बहुत सी ऊर्जा है।

मुझे अच्छे लगते हैं बच्चे चाक से दीवार गन्दी करते हुए
क्योंकि उनमें रचनात्मकता है।

मुझे अच्छे लगते हैं बच्चे उल्टा सीधा काम करके लाते हुए
क्योंकि उनमें सीखने की इच्छा है।

मुझे अच्छे लगते हैं बच्चे बार-बार प्रश्न करते हुए
क्योंकि उनमें जानने की जिज्ञासा है।

मुझे अच्छे लगते हैं बच्चे कक्षा में हर प्रश्न पर हाथ उठाते हुए
क्योंकि उनमें आत्म अभिव्यक्ति की इच्छा है।

मुझे अच्छे लगते हैं बच्चे टीचर की एक आवाज़ पर कार्य करने को आतुर
क्योंकि उनमें सेवा की भावना है।

मुझे अच्छे लगते हैं बच्चे झूठ बोलने की बजाय सर झुकाकर सत्य को दर्शाते हुए
क्योंकि उनमें स्वीकारोक्ति का साहस है।

मुझे अच्छे लगते हैं बच्चे जमीन पर पड़ी रोटी को माथे से छूकर एक और रखते हुए
क्योंकि वो इस रोटी का मूल्य समझते हैं।

मुझे अच्छे लगते है बच्चे पूछते हुए- 15 अगस्त कब आएगी?
क्योंकि उनमें देश के प्रति अगाध भक्ति भावना है।

रचयिता
रीता गुप्ता,
सहायक अध्यापक, 
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेहट नंबर-एक,
विकास क्षेत्र-साढोली कदीम,
जनपद-सहारनपुर।

Comments

Post a Comment

Total Pageviews