३५२~ सचिन कुमार ओझा पद- प्रधानाध्यापक विद्यालय- प्रा०वि० कशिया-1, सिराथू, कौशाम्बी।
🏅 अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- कौशाम्बी से अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई सचिन कुमार ओझा जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से एक सरकारी कहे जाने विद्यालय को हाउसफुल की अधिकतम सीमा तक पहुँचा कर सात सौ बच्चों के अभिभावकों एवं समाज के हजारों नागरिकों के लिए विश्वास का केंद्र बना दिया। जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय प्रयास हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2391975521080031/
अभिनव प्रयास:-
नाम- सचिन कुमार ओझा
पद- प्रधानाध्यापक
विद्यालय- प्रा०वि० कशिया-1, सिराथू, कौशाम्बी।
प्रथम नियुक्ति- 03/08/2010
पदोन्नति- 20/03/2015 प्रा०वि० हिसामपुर परसखि, कड़ा।
जनपद के प्रथम अंग्रेजी माध्यम के स्कूल बनने पर पुनः अपने मूल विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर पदस्थापित हुआ।
नियुक्ति के समय छात्र संख्या न्यून थी लोगों की सोच प्राथमिक विद्यालयों के प्रति ठीक नहीं थी। विद्यालय में ठहराव हेतु छात्रों से व्यक्तिगत समस्या सुनी और उनके निदान हेतु अभिभावकों से सम्पर्क किया गया। विद्यालय की रूपरेखा तैयार करके पूर्ण मनोयोग के साथ छात्रों के साथ मेहनत की गयी जिसका परिणाम रहा कि छात्र संख्या बढ़ती रही जो सत्र 2018-19 में 562 थी एवं वर्तमान सत्र में 700 के सन्निकट का टारगेट है।
विद्यालय परिवेश एवं उपयोगी संसाधनों की व्यवस्था मेरी स्वयं की है। सत्रवार कुछ न कुछ करके अति आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की।
विद्यालय के विकास हेतु स्वयं से क्रमवार जितना हो सका संसाधन की व्यवस्था की गयी। इसी क्रम में माननीय जिलाधिकारी महोदय द्वारा भी विद्यालय विकास हेतु सहयोग किया गया।
मेरा सर्वप्रथम प्रयास विद्यालय अनुशासन पर रहा और शैक्षिणिक व्यवस्था पर कड़ी मेहनत के बाद सत्रवार लगातार तीन सत्रों में जनपद की सर्वाधिक छात्र संख्या के साथ विद्यालय गतिमान है। लगातार दो सत्रों से विद्यालय में कक्षा कक्ष न होनी की स्थिति में प्रवेश रोकने पर अभिभावकों द्वारा तहसील दिवस में शिकायत भी हुई, उच्च अधिकारियों के आदेश पर प्रवेश प्रारंभ करना पड़ा।
मेरा प्रधानाध्यापक पद एवं न्यायपंचायत पद पर होने के बाद भी पूरा प्रयास रहता है कि जितना हो सके मैं अध्यापन कार्य करूँ एवं शिक्षण गतिविधियों एवं TLM का प्रयोग करके रोचक गतिविधियों के साथ अध्यापन पर कार्य किया जाए। छात्रों के मोबाइल नम्बर हेतु एक रजिस्टर बनाकर अभिभावकों से सम्पर्क किया जाता है।
उपलब्धियाँ:-
पं० दीनदयाल आश्रम पद्धति में सत्र 18 -19 में 31 छात्रों का चयन एवं सत्र 19-20 में 12 छात्रों का चयन , स्वच्छ भारत अभियान तहत स्वच्छता पुरस्कार, सत्र 2017-18 एवं 18-19 में आदर्श शिक्षक पुरस्कार, ब्लाक स्तरीय TLM मेला में प्रथम पुरस्कार, राज्य स्तरीय प्रयागराज मण्डल की प्रथम वार्षिक पत्रिका "आकार" फ्रेमिंग फ्यूचर का संपादन एवं वर्ष 2019 में जनपद कौशाम्बी से एक मात्र उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार हेतु चयनित।
मेरा मानना है कि शिक्षक अपने पर आ जाए तो समाज की दिशा एवं दशा को बदल सकता है एवं सभी बच्चे योग्य एवं सीखने की क्षमता रखते हैं बस हमको आपको नए तरीकों से उसे जाग्रत करना है।।
साभार:
सचिन कुमार ओझा
(प्रधानाध्यापक)
अंग्रेजी माध्यम प्रा०वि० कशिया-1, सिराथू, कौशाम्बी।
संकलन: दीपनारायण मिश्र
टीम मिशन शिक्षण संवाद
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
29-07-2019
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- कौशाम्बी से अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई सचिन कुमार ओझा जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से एक सरकारी कहे जाने विद्यालय को हाउसफुल की अधिकतम सीमा तक पहुँचा कर सात सौ बच्चों के अभिभावकों एवं समाज के हजारों नागरिकों के लिए विश्वास का केंद्र बना दिया। जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय प्रयास हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2391975521080031/
अभिनव प्रयास:-
नाम- सचिन कुमार ओझा
पद- प्रधानाध्यापक
विद्यालय- प्रा०वि० कशिया-1, सिराथू, कौशाम्बी।
प्रथम नियुक्ति- 03/08/2010
पदोन्नति- 20/03/2015 प्रा०वि० हिसामपुर परसखि, कड़ा।
जनपद के प्रथम अंग्रेजी माध्यम के स्कूल बनने पर पुनः अपने मूल विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर पदस्थापित हुआ।
नियुक्ति के समय छात्र संख्या न्यून थी लोगों की सोच प्राथमिक विद्यालयों के प्रति ठीक नहीं थी। विद्यालय में ठहराव हेतु छात्रों से व्यक्तिगत समस्या सुनी और उनके निदान हेतु अभिभावकों से सम्पर्क किया गया। विद्यालय की रूपरेखा तैयार करके पूर्ण मनोयोग के साथ छात्रों के साथ मेहनत की गयी जिसका परिणाम रहा कि छात्र संख्या बढ़ती रही जो सत्र 2018-19 में 562 थी एवं वर्तमान सत्र में 700 के सन्निकट का टारगेट है।
विद्यालय परिवेश एवं उपयोगी संसाधनों की व्यवस्था मेरी स्वयं की है। सत्रवार कुछ न कुछ करके अति आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की।
विद्यालय के विकास हेतु स्वयं से क्रमवार जितना हो सका संसाधन की व्यवस्था की गयी। इसी क्रम में माननीय जिलाधिकारी महोदय द्वारा भी विद्यालय विकास हेतु सहयोग किया गया।
मेरा सर्वप्रथम प्रयास विद्यालय अनुशासन पर रहा और शैक्षिणिक व्यवस्था पर कड़ी मेहनत के बाद सत्रवार लगातार तीन सत्रों में जनपद की सर्वाधिक छात्र संख्या के साथ विद्यालय गतिमान है। लगातार दो सत्रों से विद्यालय में कक्षा कक्ष न होनी की स्थिति में प्रवेश रोकने पर अभिभावकों द्वारा तहसील दिवस में शिकायत भी हुई, उच्च अधिकारियों के आदेश पर प्रवेश प्रारंभ करना पड़ा।
मेरा प्रधानाध्यापक पद एवं न्यायपंचायत पद पर होने के बाद भी पूरा प्रयास रहता है कि जितना हो सके मैं अध्यापन कार्य करूँ एवं शिक्षण गतिविधियों एवं TLM का प्रयोग करके रोचक गतिविधियों के साथ अध्यापन पर कार्य किया जाए। छात्रों के मोबाइल नम्बर हेतु एक रजिस्टर बनाकर अभिभावकों से सम्पर्क किया जाता है।
उपलब्धियाँ:-
पं० दीनदयाल आश्रम पद्धति में सत्र 18 -19 में 31 छात्रों का चयन एवं सत्र 19-20 में 12 छात्रों का चयन , स्वच्छ भारत अभियान तहत स्वच्छता पुरस्कार, सत्र 2017-18 एवं 18-19 में आदर्श शिक्षक पुरस्कार, ब्लाक स्तरीय TLM मेला में प्रथम पुरस्कार, राज्य स्तरीय प्रयागराज मण्डल की प्रथम वार्षिक पत्रिका "आकार" फ्रेमिंग फ्यूचर का संपादन एवं वर्ष 2019 में जनपद कौशाम्बी से एक मात्र उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार हेतु चयनित।
मेरा मानना है कि शिक्षक अपने पर आ जाए तो समाज की दिशा एवं दशा को बदल सकता है एवं सभी बच्चे योग्य एवं सीखने की क्षमता रखते हैं बस हमको आपको नए तरीकों से उसे जाग्रत करना है।।
साभार:
सचिन कुमार ओझा
(प्रधानाध्यापक)
अंग्रेजी माध्यम प्रा०वि० कशिया-1, सिराथू, कौशाम्बी।
संकलन: दीपनारायण मिश्र
टीम मिशन शिक्षण संवाद
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
29-07-2019
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