जल है तो कल है
सूना जीवन, सूना अम्बर,
सूना ये धरातल है।
जल बिन सब कुछ सूना-सूना
जल है तो कल है।
भाई जल है तो कल है
जल ही नहीं बचा जीवन में
मानव क्या कर पाएगा,
आने वाले समय में भाई,
जल संकट गहराएगा।
जल को यूँ व्यर्थ न बहाओ,
जल है तो हलचल है,
भाई जल हैं तो कल है।
लग कर के लंबी लाइन में,
जल राशन में लाओगे।
मोटी कीमत देकर भी तुम,
जल को ना पी पाओगे।
पैसा रुपया सब पा लोगे,
पर जल मिलना मुश्किल है।
भाई जल है तो कल है।
जल पर हो जाएगा पहरा,
जल पर होगा आपसी झगड़ा,
जल रखा होगा बैंकों में,
ब्याज लगेगा मोटा तगड़ा।
जल की रक्षा कर लो तुम,
कहता ये हर पल है।
भाई जल है तो कल है।
इसलिए कहती हूँ सबसे
जल बिन सब जल जाओगे,
ना रहेगी जल की एक बूँद
कैसे प्यास बुझाओगे।
अब भी जो ना संभले तुम
जल पर तृतीय युद्ध अटल है।
भाई जल है तो कल है।
रचयिता
हेमलता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मुकंदपुर,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
सूना ये धरातल है।
जल बिन सब कुछ सूना-सूना
जल है तो कल है।
भाई जल है तो कल है
जल ही नहीं बचा जीवन में
मानव क्या कर पाएगा,
आने वाले समय में भाई,
जल संकट गहराएगा।
जल को यूँ व्यर्थ न बहाओ,
जल है तो हलचल है,
भाई जल हैं तो कल है।
लग कर के लंबी लाइन में,
जल राशन में लाओगे।
मोटी कीमत देकर भी तुम,
जल को ना पी पाओगे।
पैसा रुपया सब पा लोगे,
पर जल मिलना मुश्किल है।
भाई जल है तो कल है।
जल पर हो जाएगा पहरा,
जल पर होगा आपसी झगड़ा,
जल रखा होगा बैंकों में,
ब्याज लगेगा मोटा तगड़ा।
जल की रक्षा कर लो तुम,
कहता ये हर पल है।
भाई जल है तो कल है।
इसलिए कहती हूँ सबसे
जल बिन सब जल जाओगे,
ना रहेगी जल की एक बूँद
कैसे प्यास बुझाओगे।
अब भी जो ना संभले तुम
जल पर तृतीय युद्ध अटल है।
भाई जल है तो कल है।
रचयिता
हेमलता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मुकंदपुर,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
यथार्थ चित्रण
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