श्रद्धांजलि
जिन सैनिकों के रक्त से आबाद हिन्दुस्तान है,
20 वर्षों पूर्व किया जो याद वो बलिदान है।
है नमन उन वीरों को जिनकी सरहद पर जान गयी,
आस्तित्व उनका अमर है और वो ही हमारा मान है।
कारगिल की हिमाच्छादित चोटी पर लहराया उन्होंने तिरंगा,
सन उन्नीस सौ निन्यानवे की जीत अब तक याद है।
बचाई शान देकर जान सीमा पर जवानों ने,
निरन्तर जलती अमर ज्योति ही उनका सम्मान है।
आज कारगिल विजय दिवस, गर्वित हुआ है सबका मन,
श्रद्धा सुमन अर्पित उन्हें, उनपे हमें अभिमान है।
रचयिता
गीता यादव,
प्रधानाध्यपिका,
प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर,
विकास खण्ड-देवमई,
जनपद-फ़तेहपुर।
20 वर्षों पूर्व किया जो याद वो बलिदान है।
है नमन उन वीरों को जिनकी सरहद पर जान गयी,
आस्तित्व उनका अमर है और वो ही हमारा मान है।
कारगिल की हिमाच्छादित चोटी पर लहराया उन्होंने तिरंगा,
सन उन्नीस सौ निन्यानवे की जीत अब तक याद है।
बचाई शान देकर जान सीमा पर जवानों ने,
निरन्तर जलती अमर ज्योति ही उनका सम्मान है।
आज कारगिल विजय दिवस, गर्वित हुआ है सबका मन,
श्रद्धा सुमन अर्पित उन्हें, उनपे हमें अभिमान है।
रचयिता
गीता यादव,
प्रधानाध्यपिका,
प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर,
विकास खण्ड-देवमई,
जनपद-फ़तेहपुर।
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