सुचेता कृपलानी
नमन तुम्हें सुचेता,
हमारा बारम्बार।
श्रद्धा सुमन चढ़ाएँ,
पहनाएँ पुष्प हार।
जन्मदिवस मनाए,
आज देश सारा।
करे याद गाथा,
तेरी जहान सारा।
अपना जीवन सारा,
भारत माँ पे वारा।
सुचेता तुमने जीता,
दिल सुनो हमारा।
तुमको रास आई ना,
गुलामी देश की।
कूद पड़ी रण में तू,
ना खुद की फिक्र की।
पिता से पाई पूँजी,
देश प्रेम की।
जलाई ज्योति दिल में,
फिर देश प्रेम की।
जीवन के संकटों से,
ना मानी कभी हार।
राहों के कंटकों पे,
चलना किया स्वीकार।
आज़ाद भारत की,
बनी तू मिसाल।
सुचेता तुमने जग में,
कर दिया कमाल।
खुश हो तेरी सेवा से,
जनता ने दिया सम्मान।
उत्तर प्रदेश की फिर,
सँभाली तूने कमान।
हे नारी शक्ति तू है,
जग में बड़ी महान।
इतिहास के पन्नों पर,
लिख दिया अपना नाम।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
Comments
Post a Comment