विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

शाख से पत्ते टूट कर

कुछ यूँ बिखर गए।

परिवार के होते हुए भी

बुजुर्ग ओल्ड एज होम पहुँच गए।।


पाश्चात्य संस्कृति का

कुछ यूँ चला चलन।

अपने ही माता-पिता 

बच्चों के लिए बोझ बन गए।।


फैशन का नौजवानों पर 

कुछ यूँ छाया असर।

बुजुर्गों को अकेला छोड़कर

शहरों में रहने पहुँच गए।।


इस दिवस पर मिलकर

हम सब ये वादा करें।

बुजुर्गों को उनका सम्मान मिले

हर परिवार को उनका आशीर्वाद मिले।।


अब ना कोई भी बुजुर्ग 

ओल्ड एज होम में रहने जाए।

घर पर ही अपनों का प्यार

और सही देखभाल मिले।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।

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