विश्व योग दिवस
योग है जोड़ना, सबको मिलाना,
भारत की संस्कृति, सबको बताना।
आज है सबसे लंबा, सकारात्मक ऊर्जा का दिन विशेष,
भोले शंकर ने दिया इसी दिन, शिष्यों को संदेश।
प्रतिवर्ष जुड़कर योग का जन्मदिन मनाना,
हिंदी हैं हम, विस्मृत ना कर जाना।
महर्षि पतंजलि का सपना साकार है करना,
रामदेव बाबा के सभी आसनों, योग को है करना।
योग प्रदान करे मानव को लम्बी आयु,
सारे रोग भागें जैसे तेज़ चले है वायु।
समस्त दवाई यह छुड़वाए
प्रातः जो इसे अपनाए।
दूर करे सभी रोग के दुःखों को,
बना लो सच्चा साथी योग को।
हमारा सनातन धर्म है महान,
योग से बने मेरा भारत महान।
मैं योग हूँ, मैं योग हूँ,
हाँ, मैं दिलों को जोड़ता योग हूँ।
स्वदेश हो या विदेश हो, मैं सर्वत्र हूँ,
सारे चक्रों, इंद्रियों को वश में करे, योग हूँ ।
चेहरे का तेज़, भुजाओं का बल हूँ,
मुझे अपनाओ योग हूँ मैं।।
रचयिता
सीमा अग्रवाल,
सेवानिवृत्त सहायक अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय हाफ़िज़पुर उबारपुर,
विकास क्षेत्र - हापुड़,
जनपद - हापुड़।
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