रानी दुर्गावती शहीद दिवस

अद्भुत शौर्य पराक्रम था जिसमें

ऐसी वह वीर महारानी है

इतिहास के पन्नों में दर्ज जिसकी

आज भी अमर कहानी है।।


बांदा के कलिंजर किले में 1524

को दुर्गा अष्टमी के दिन जन्मी।

पिता पृथ्वी सिंह चंदेल की लाडली

दुर्गावती के नाम से जानी जाती है।।


तेज, साहस और सुंदरता का 

जिसके व्यक्तित्व में था सुंदर संगम

चारों ओर ख्याति फैली हुआ

विवाह दलपत शाह राजा के संग।।


पति की मृत्यु पर रानी ने राज्य सँभाला

बाजबहादुर को कई बार पराजित कर डाला

अकबर ने रानी को हरम में लाना चाहा

रानी ने वीरता से मुगलों को हराया।।


आशफ खां ने फिर से हमला करके

रानी की सेना को क्षति पहुँचाई

24 जून 1864 को दुर्गावती ने युद्ध में 

लड़ते हुए आत्म बलिदान कर शहीद कहलाई।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।

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