आओ हम सब योग करें
अपने तन को अपने मन को हम सब निरोग करें,
आओ हम सब योग करें आओ हम सब योग करें।
सूर्योदय पर सूर्य नमस्कार कर ऊँ ध्वनि उच्चार करें,
यौगिक क्रियाकलापों से ऊर्जा का संचार करें।
प्राणायाम से ईश्वर का सीधा हम संजोग करें,
आओ हम सब योग करें हम सब योग करें।।
करें भ्रामरी और भस्रिका कपालभाति अनुलोम-विलोम,
साँस-साँस में भरे शुद्धता पुलकित हो हर रोम-रोम।
प्राकृतिक साधन शक्ति का हम मिलकर उपभोग करें,
आओ हम सब योग करें आओ हम सब योग करें।।
दूध, दही, घी, शाकाहारी भोजन का उपयोग करें,
ताजे फल सब्जी का हम प्रति दिन प्रयोग करें।
सूझबूझ से प्राकृतिक वस्तु का उपभोग करें।।
आओ हम सब योग करें आओ हम सब योग करें।।
रचयिता
रविंद्र कुमार "रवि" सिरोही,
एआरपी,
विकास खण्ड-बड़ौत,
जनपद-बागपत।
Yog bnayega sabko nirog .
ReplyDeleteAao yog ko dainik jeewan ki adat bnaye .