देशबंधु चितरंजन दास
5 नवंबर 1870 में तेलीरबाग ढाका में जन्म पाया,
राष्ट्रीयता भारतीय, बैरिस्टर बनकर प्रसिद्धि को पाया।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं में से एक,
पिता भवन मोहनदास जाने-माने वकील हुए नेक।
तेजस्विता पूर्ण वकालत का परिचय दिया व्यापक,
फैली ख्याति इनकी राष्ट्रीय वकील बिना पारिश्रमिक।
1906 कांग्रेस में शामिल राजनीति में हुआ पदार्पण,
1917 में बंगाल की प्रांतीय राजकीय परिषद के अध्यक्ष।
रौलट एक्ट का किया विरोध सत्याग्रह का समर्थन,
असहयोग का विरोध किया कांग्रेस के अधिवेशन।
1921 में अध्यक्ष चुने गए अहमदाबाद कांग्रेस के,
जेल में थे तो अजमल खां कर्तव्य निभाए अध्यक्ष रूप में।
सागर संगीत, अंतर्यामी, किशोर- किशोरी काव्य ग्रंथ,
और लिखा इंडिया फॉर इंडियंस प्रसिद्ध ग्रंथ।
राजनीतिक नेता, सतत जुझारू, परम त्यागी वृत्ति,
सहर्ष 1925, 16 जून देह त्यागी संसार से मुक्ति।
हरफनमौला चितरंजन दास चिरनिंद्रा में हुए लीन,
महापुरुष के उच्च कोटि के, रहे दीनबंधु दीन।
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