मिल्खा सिंह
जो कभी ना हारा जीवन में,
वह आज मौत से गया है हार।
जीवन भर दौड़ा शख़्स वही,
वो तो है मिल्खा सिंह सरदार।।
सम्मानित पद्मश्री से वह
था उड़न सिक्ख वो तो दिलदार।
जो दौड़े थे ओलंपिक में,
चमकाया भारत का किरदार।।
चपला सी दौड़ लगाते थे,
लंबी टाँगें जैसे तलवार।
नतमस्तक पूरा देश आज,
आँखों में आँसू लिए हजार।।
रचयिता
पूनम गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय धनीपुर,
विकास खण्ड-धनीपुर,
जनपद-अलीगढ़।
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