पापा मेरे अच्छे हैं
पापा मेरे अच्छे हैं
दिल के बड़े ही सच्चे हैं
रोज कमाने जाते हैं
सबका ख्याल वो रखते हैं
जो भी माँगे कुछ भी उनसे
हर जरुरत पूरी करते हैं
पापा मेरे अच्छे हैं
दिल के बड़े ही सच्चे है
मिठाई-चॉकलेट खिलाते हैं
खेल-खिलौने लाते हैं
जब भी मैं रुठूँ उनसे
मुझको खूब मनाते हैं
पापा मेरे अच्छे हैं
दिल के बड़े ही सच्चे हैं
जब भी डाँटे मम्मी मुझको
पापा मुझे दुलारते हैं
कोटि नमन मेरे पापा को
जो हर पल साथ निभाते हैं
पापा मेरे अच्छे है
दिल के बड़े ही सच्चे हैं
प्यारे पापा के प्यार भरे
सीने से जो लग जाते हैं
सच कहती हूँ विश्वास करो
जीवन में सदा सुख पाते हैं
पापा मेरे अच्छे हैं
दिल के बड़े ही सच्चे हैं
रचयिता
अरूणा कुमारी राजपूत,
सहायक अध्यापक,
आदर्श अंग्रेजी माध्य्म संविलयन विद्यालय राजपुर,
विकास खण्ड-सिंभावली,
जनपद-हापुड़।
|बहुत प्यारी
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