रक्तदान महादान
रक्तदान है महादान,
बन जाता जो जीवनदान।
सरल सहज है यह क्रिया,
सहयोग नि:स्वार्थ निष्काम।।
रक्त की कुछ मात्रा देकर,
करो मानवता में योगदान।
राजा दिलीप और दधीचि भी,
बने महान देकर बलिदान।।
हो जाए कोई दुर्घटना,
और हो खतरे में जान।
रक्तदाता का रक्त बने,
संजीवनी बूटी के समान।।
18 से 65 साल में सभी,
स्वस्थ व्यक्ति कर सकते हैं रक्तदान।
रक्तदान करने से पहले रखो,
सही वजन हीमोग्लोबिन का ज्ञान।।
रक्तदान से होगा खून पतला,
जिससे हृदय रोग भी भागेगा।
बनेंगे नए रेड सेल्स और,
बीमारियों का खतरा नहीं रहेगा।।
हम भी रक्तदान करेंगे,
आओ यह शपथ उठाएँ।
सहयोग कर अनजानों से भी,
खून का रिश्ता बनाएँ।।
रचयिता
ज्योति विश्वकर्मा,
सहायक अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय जारी भाग 1,
विकास क्षेत्र-बड़ोखर खुर्द,
जनपद-बाँदा।
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