शिक्षक परिवार
तो भाई खुल रहे हैं कल से स्कूल,
सुनो! एक बात मत जाना भूल।
देख स्टाफ को इतने दिनों के बाद,
बस रखना याद, दूरी हो मास्क के साथ।।
विद्यालय है एक परिवार,
मिलना है हमको सबसे छोड़ रविवार।
चल रहा है बुरा दौर कोरोना का,
जो थे! नहीं हैं। याद तो आएगी बार- बार।।
बन्द था अभी तक विद्यालय हमारा,
कराने हैं अब हमें बहुत सारे काम।
न आएँगे बच्चे अभी, होंगे हम ही विद्यालय में,
निकलो सब सोच के कि घर परिवार है हमारा।।
रचयिता
शालिनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बनी,
विकास खण्ड-अलीगंज,
जनपद-एटा।
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