विश्व सौहार्द दिवस
प्रेम सौहार्द में होती अद्भुत शक्ति
जो टूटे रिश्तो को पिरोती
मिल जाती है उसको अलग पहचान
प्रेम भावना जिसमें होती।।
प्रेम सौहार्द आपसी सहयोग से
हो जाती हर मुश्किल आसान
जब अपना लेते हैं सभी इसको
तब कहलाता है वह देश महान।।
आओ जाति धर्म से उठकर
हम सब एक नया धर्म बनाएँ
आपस में प्रेम भाईचारे से
इस दुनिया को स्वर्ग बनाएँ।।
जीवन में द्वेष भावना को त्याग,
आपस में प्रेम भाव अपनाओ तुम।
जन्म मिला है जो मानव का,
उसे यूँ ना व्यर्थ गँवाओ तुम।।
रचनाकार
मृदुला वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,
विकास खण्ड-अमरौधा,
जनपद-कानपुर देहात।
Nice poem
ReplyDelete