वन संरक्षण
आओ वनों को बचाएँ हम,
एक संकल्प उठाएँ हम।
फिर से वृक्षों की करें सुरक्षा,
ये करते हैं जीवन रक्षा।
देते जीवनोपयोगी वस्तुएँ,
प्राणवायु जिससे हम जिएँ।
वन वर्षा को बढ़ाते हैं,
गर्मी से राहत दिलाते हैं।
CO2 को सोख-सोख कर,
वातावरण शुद्ध बनाते हैं।
मृदा संरक्षण भी करते हैं,
प्रदूषण भी दूर करते हैं।
वन्यजीवों का घर है वन,
प्रकृति का उपहार है वन।
फल, फूल, सब्जियाँ, तेल, मसाले,
कपास, गोंद, लकड़ी और छाया।
अनगिनत पदार्थ हैं कितने,
जिन सबको वनों से पाया।
सब मिल मन में करो विचार,
सब को जीने का अधिकार।
वन और वन्य जीवन को बचाएँ,
तभी धरा पर खुशियाँ आएँ।
प्रकृति अगर रूठ जाएगी,
धरती पर आफत आएगी।
विश्व वन दिवस पर शपथ उठाओ,
वन संरक्षण का अभियान चलाओ।
रचयिता
दीपिका गर्ग,
सहायक अध्यापिका,
कन्या प्राथमिक विद्यालय महोबकंठ,
विकास खण्ड-पनवाड़ीे,
जनपद-महोबा।
एक संकल्प उठाएँ हम।
फिर से वृक्षों की करें सुरक्षा,
ये करते हैं जीवन रक्षा।
देते जीवनोपयोगी वस्तुएँ,
प्राणवायु जिससे हम जिएँ।
वन वर्षा को बढ़ाते हैं,
गर्मी से राहत दिलाते हैं।
CO2 को सोख-सोख कर,
वातावरण शुद्ध बनाते हैं।
मृदा संरक्षण भी करते हैं,
प्रदूषण भी दूर करते हैं।
वन्यजीवों का घर है वन,
प्रकृति का उपहार है वन।
फल, फूल, सब्जियाँ, तेल, मसाले,
कपास, गोंद, लकड़ी और छाया।
अनगिनत पदार्थ हैं कितने,
जिन सबको वनों से पाया।
सब मिल मन में करो विचार,
सब को जीने का अधिकार।
वन और वन्य जीवन को बचाएँ,
तभी धरा पर खुशियाँ आएँ।
प्रकृति अगर रूठ जाएगी,
धरती पर आफत आएगी।
विश्व वन दिवस पर शपथ उठाओ,
वन संरक्षण का अभियान चलाओ।
रचयिता
दीपिका गर्ग,
सहायक अध्यापिका,
कन्या प्राथमिक विद्यालय महोबकंठ,
विकास खण्ड-पनवाड़ीे,
जनपद-महोबा।
Comments
Post a Comment