जिन्दगी थम सी गयी
जिन्दगी थम सी गयी कहर ढा रहा कोरोना है।
मिलकर करें जतन कुछ भारत में इसे हराना है।
निज गेह में रहें नित हरदम स्वच्छता का ध्यान दें।
अब न मिलाइए हाथ नमस्ते सबको सिखलाना है।
जिंदगी थम सी गयी--------
सड़कें सूनी गलियाँ सूनी सूने हाट सब माॅल।
घर मे रहकर खुद बचिए और सबको बचाना है।।
जिन्दगी थम सी-----
बहुत जरूरी हो तब निकलें घर से मास्क पहनकर।
पता नहीं किस रूप में बैठा छिपा कोरोना है।।
जिन्दगी थम सी गयी-----
अब न मजाक बनाओ इसको, बनें सभी जन गम्भीर।
शासन के नियमों का रंजन पालन सबको करना है ।
जिन्दगी थम सी गयी-----
रचयिता
राजेश तिवारी "रंजन",
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय महुआ-2,
विकास क्षेत्र-महुआ,
जनपद-बाँदा।
मिलकर करें जतन कुछ भारत में इसे हराना है।
निज गेह में रहें नित हरदम स्वच्छता का ध्यान दें।
अब न मिलाइए हाथ नमस्ते सबको सिखलाना है।
जिंदगी थम सी गयी--------
सड़कें सूनी गलियाँ सूनी सूने हाट सब माॅल।
घर मे रहकर खुद बचिए और सबको बचाना है।।
जिन्दगी थम सी-----
बहुत जरूरी हो तब निकलें घर से मास्क पहनकर।
पता नहीं किस रूप में बैठा छिपा कोरोना है।।
जिन्दगी थम सी गयी-----
अब न मजाक बनाओ इसको, बनें सभी जन गम्भीर।
शासन के नियमों का रंजन पालन सबको करना है ।
जिन्दगी थम सी गयी-----
रचयिता
राजेश तिवारी "रंजन",
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय महुआ-2,
विकास क्षेत्र-महुआ,
जनपद-बाँदा।
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