चैत्रमास व नवरात्रि

  चैत्रमास और  ऋतु बसंत
  प्रथम तिथि से जग प्रतीक्षित
   किसलय सुमधुर पुष्प सुगंधित
   घर मन्दिर में बजती नौबत
जयकारा देवी का है
घर मन्दिर में पूजन है
    हिन्दू नववर्ष का आगमन
      इक त्योहार जो लाता है
        नव दुर्गा का पूजन होता
          नवरात्रि कहलाता है
  शैलपुत्री माँ कहलाती
    हमें वात्सल्य देती है
     नौ रूपों में नव भाव भर
       सर्व कल्याणकारी है
 माँ हम सब ये प्रार्थना करते
   जग की त्रासदी दूर करो
     हम पापी हैं माँ हम सबके
        हृदय मे सद्भाव भरो
 इस भूमण्डल पर व्याप्त है
  इक तूफान सँभालो तुम
    तेरे चरणों में हम सब हैं
     माँ संकट से उबारो तुम
  नौ देवियों का यह पूजन
    विश्व का कल्याण करें
      दिव्य चक्षु और दिव्य दृष्टि से
        जगत का सब कष्ट हरे।

रचयिता
किरण जोशी,
प्रधानाध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय मैखण्डी मल्ली,
विकास खण्ड-कीर्तिनगर,
जनपद-टेहरी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।

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