४२३~ रवि कुमार सिंह (प्रधानाध्यापक) इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल बम्भिया, ब्लाक- मानिकपुर, जनपद- चित्रकूट (उत्तर प्रदेश)

           🏅अनमोल रत्न🏅

*कॉरोना वाइरस का यही संदेश।*
*घर में रहकर ही घूमें सारा देश।।*
सावधानी ही सुरक्षा है। #कॉरोना

मित्रों आज हम आपका परिचय एक ऐसे शिक्षक साथी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से, न सिर्फ बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के मूल सिद्धांत शिक्षा एवं मानवीय समानता को अनेकों भौगोलिक विषमताओं एवं नकारात्मकताओं के बीच साकार किया बल्कि यह भी प्रमाणित कर दिखाया कि शिक्षक न सिर्फ विद्यालय के भीतर चहारदीवारी तक सीमित होता है बल्कि वह मानवीय सभ्यता को सम्पादित करने वाला भी होता है। आपने न सिर्फ शून्यवत विद्यालय को आज शतक की ओर पहुँचने की राह दिखाई बल्कि सुदूर दुर्गम ग्रामीण एवं पठारीय क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाने में एवं विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बनाने में सफलता प्राप्त की है। जो हम जैसे हजारों शिक्षक साथियों के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय है। मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से ऐसे अनमोल रत्न शिक्षक साथी को बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ!

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2607472039530377&id=1598220847122173

👉शिक्षक का परिचय:-
रवि कुमार सिंह (प्रधानाध्यापक)
इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल बम्भिया, ब्लाक- मानिकपुर,
जनपद- चित्रकूट (उत्तर प्रदेश)
वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति:24-12- 2016
विद्यालय वेबसाइट:
http://www.empsbambhiya.in/

👉विद्यालय की समस्याएं:-
● यह विद्यालय उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की जंगली सीमा पर स्थित है| पठारी क्षेत्र होने के कारण यहाँ जनसंख्या काफी कम है| विद्यालय सेवित ग्राम आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जो कि दस्यु प्रभावित है| इसलिए यह क्षेत्र अशिक्षा एवं गरीबी से ग्रस्त है| विद्यालय की सबसे बड़ी समस्या यह थी कि बच्चे विद्यालय नहीं आते थे| क्षेत्र संवेदनशील होने के कारण कभी कोई अध्यापक गांव में प्रवेश नहीं करता था|
● विद्यालय की भौतिक स्थिति बहुत खराब थी| छात्रों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी| उन्हें एक बेहतर शिक्षा, साफ- सफाई व अच्छी आदतों का ज्ञान देना जरूरी महसूस हो रहा था|


👉समस्या का समाधान:-
● समुदाय के सहयोग के बिना विद्यालय का विकास होना असंभव है| विद्यालय स्थापना वर्ष से आज तक मैं पहला अध्यापक था, जो उस संवेदनशील गांव में प्रवेश करने का निर्णय लिया| लगातार 1 वर्ष तक प्रतिदिन घर-घर जाकर एक-एक बच्चों को तैयार करवा कर विद्यालय लाया| बच्चों के भय को दूर किया| आज वही बच्चे नियमित रूप से विद्यालय आते हैं|
● विद्यालय के भवन को स्वयं के पैसों द्वारा वृहद मरम्मत कार्य करवाकर नया आकर्षक रूप दिया|
● स्वयं द्वारा एक स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किया|
● प्रत्येक कक्षा में स्वयं के द्वारा डेस्क-बेंच की व्यवस्था की|
● छात्रों को प्रतिवर्ष निशुल्क टाई बेल्ट, आई कार्ड, टी-शर्ट की व्यवस्था सुनिश्चित की|
● बच्चों को साफ-सफाई, स्वच्छता व अच्छी आदतों के विकास के लिए नियमित रूप से प्रयास किया गया जिसमें काफी सफलता मिली|
● प्रत्येक वर्ष विद्यालय वार्षिकोत्सव की परंपरा प्रारंभ की!
● प्रत्येक वर्ष छात्रों को निशुल्क शैक्षिक भ्रमण पर ले जाने की परंपरा प्रारंभ की।
● छात्रों को विद्यालय समय के पश्चात अतिरिक्त समय देकर पढ़ाना प्रारंभ किया।
● विद्यालय में छात्रों के लिए प्रत्येक समय निशुल्क कॉपियां एवं स्टेशनरी सुविधा उपलब्ध रहती है|















👉विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियां:-
छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु उन्हें शैक्षिक व रुचि पूर्ण गतिविधियाँ नियमित रूप से कराई जाती हैं।
● शिक्षण गतिविधियों में Action word activity, Odd Even number games, English Vocabulary activity आदि गतिविधियां कराई जाती है|
● सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत Good manners activity, Dance activity Musical activity आदि गतिविधियां कराई जाती हैं| इसके अतिरिक्त छात्रों को खेलकूद गतिविधियां भी सिखाई जाती हैं|

👉विद्यालय और बच्चों की उपलब्धि
● नामांकन विवरण:
● वर्ष 2018-19 =67
● वर्ष 2019-20= 84
नोट: विद्यालय सेवित क्षेत्र में जनसंख्या अति न्यून है|
● वर्ष 2018-19 में विद्यालय के 2 छात्रों का चयन राजकीय आवासीय विद्यालय में हुआ।












👉शिक्षक और विद्यालय की उपलब्धियां:-
● नवाचार: विद्यालय की भौगोलिक स्थिति के विपरीत विद्यालय की शैक्षिक एवं भौतिक स्थिति में सुधार किया|
👉सम्मान/ पुरस्कार-
● बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा राज्य स्तरीय उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित|
● मिशन शिक्षण संवाद द्वारा महोबा सेमिनार में उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान प्राप्त|
● Best Teaching Practices के अंतर्गत टाटा ट्रस्ट समूह व बेसिक शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक में मेरे कार्यों को मिला स्थान|

👉मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश-
आम जनमानस में बेसिक शिक्षा के प्रति फैली नकारात्मकता को मिशन शिक्षण संवाद ने सकारात्मकता में बदला है| मिशन शिक्षण संवाद ने अध्यापकों के छोटे- बड़े सभी प्रयासों को एक मंच दिया| मैं मिशन शिक्षण संवाद टीम की कार्यकुशलता की प्रशंसा करता हूँ|

👉शिक्षक समाज के लिए संदेश:-
बेसिक शिक्षा के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा बदलाव दिख रहा है, जिसका श्रेय हमारे सभी शिक्षक साथियों को जाता है| मेरा सभी शिक्षक साथियों से अनुरोध है कि हमें मिलजुलकर बेसिक शिक्षा की प्रगति में अपना योगदान देना चाहिए|

संकलन-
श्री राजकुमार शर्मा
मिशन शिक्षण संवाद चित्रकूट

नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

🙏विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
30-03-2020

Comments

Total Pageviews