कौन हूँ मैं
जानना है मुझे कौन हूँ?
मैं
"शिक्षक"
शिक्षक कौन है?
शिक्षक माली है,
कोई पद नहीं, न व्यवसाय है।।
शिक्षक मन की पवित्रता है,
वहीं स्वयं जिज्ञासा जाग्रत करने वाला होता है,
शिक्षक माँ बनकर दुलार देता है,
तो पिता बनकर पालन भी करता है,
स्वयं जलकर दीपक बन जाता है।।
बस मन में उठती तंरगों ने,
हिलोर लेना बन्द किया,
और यकीन हुआ।।
शिक्षक आत्मा से परमात्मा तक का रास्ता है।।
फिर क्या था?
आज जमीन में भी होकर,
पैर आसमान में जा पहुँचे।
क्योंकि मैं भी तो,
एक शिक्षक हूँ।।
रचयिता
शालिनी सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय जानकीपुर,
विकास खण्ड-सिराथू,
जनपद-कौशाम्बी।
मैं
"शिक्षक"
शिक्षक कौन है?
शिक्षक माली है,
कोई पद नहीं, न व्यवसाय है।।
शिक्षक मन की पवित्रता है,
वहीं स्वयं जिज्ञासा जाग्रत करने वाला होता है,
शिक्षक माँ बनकर दुलार देता है,
तो पिता बनकर पालन भी करता है,
स्वयं जलकर दीपक बन जाता है।।
बस मन में उठती तंरगों ने,
हिलोर लेना बन्द किया,
और यकीन हुआ।।
शिक्षक आत्मा से परमात्मा तक का रास्ता है।।
फिर क्या था?
आज जमीन में भी होकर,
पैर आसमान में जा पहुँचे।
क्योंकि मैं भी तो,
एक शिक्षक हूँ।।
रचयिता
शालिनी सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय जानकीपुर,
विकास खण्ड-सिराथू,
जनपद-कौशाम्बी।
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