जंगल -हमारे मित्र

मित्र    हमारे   जंगल    हैं,
निसि-दिन करते मंगल हैं।
       शुद्ध   हवा  दे   पोषण  करते,
       अशुद्ध हवा का भक्षण करते।
       देते    हमको    जीवन    दान,
       जंगल    देखो    बड़े   महान।।

पंछी  इसमें  करें  बसेरा,
चौपायों का  है  ये  डेरा।
       नीम, तुलसी, हल्दी, अजवाइन,
       औषधीय  पौधे   करें कमाल।
       पेड़    धरा   की    होते  शान,
       जंगल    देखो   बड़े    महान।।

ऋषि   मुनि   करते   थे   वास,
वाल्मीकि, पतंजलि, वेद व्यास।
       रचे     जिन्होने      ग्रंथ      महान,
       रामायण, महाभारत, जय हनुमान।
       "लव-कुश"  का   ये  जन्म  स्थान,
        जंगल     देखो      बड़े     महान।।

जंगल     कटते     कतरा-कतरा,
ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ता खतरा।
         बाढ़   ला   रही  घोर    विनाश,
         अभी   समय  है जाग  इन्सान।
         वृक्ष लगाओ पर्यावरण बचाओ,
         करो   प्रदूषण   का   सर्वनाश।
         जंगल     देखो    बड़े   महान।।

रचयिता
नीलम कौर,
सहायक अध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय शाहबाजपुर,
विकास खण्ड-सिकन्दराबाद,
जनपद-बुलंदशहर।

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