मेरे प्यारे शिक्षक बंधु
मेरे प्यारे शिक्षक बंधु,
तुम कभी ना खोना साहस
तुम ही हो इस देश के कर्ता
तुम ही हो इस देश के धर्ता
तुम से ही होता देश महान
मेरे प्यारे शिक्षक बंधु,
कितनी आंधी तूफान आये
तुम इससे ना घबराना
ये तो हैं हवा के झोंके
जिससे तुमको निकल है जाना
मेरे प्यारे शिक्षक बंधु,
रहा तुम्हारी आसान नहीं
तुमको यूँ घबराना नहीं
पथ पर तुमको चलते जाना
अच्छा काम करते जाना
मेरे प्यारे शिक्षक बंधु,
रूकना तुम्हारा काम नहीं है
आगे बढ़ते जाना है
बच्चों को सिखलाना है
देश को महान बनाना है
मेरे प्यारे शिक्षक बंधु,
धैर्य का तुम साथ ना छोड़ो
किसी का विश्वास ना तोड़ो
तुम ही हो दीप प्रज्वलित
तुम को उजाला लाना है
मेरे प्यारे शिक्षक बंधु,
रचयिता
ललिता रानी,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उस्मानपुर,
विकास खण्ड-डिलारी,
जनपद-मुरादाबाद।
तुम कभी ना खोना साहस
तुम ही हो इस देश के कर्ता
तुम ही हो इस देश के धर्ता
तुम से ही होता देश महान
मेरे प्यारे शिक्षक बंधु,
कितनी आंधी तूफान आये
तुम इससे ना घबराना
ये तो हैं हवा के झोंके
जिससे तुमको निकल है जाना
मेरे प्यारे शिक्षक बंधु,
रहा तुम्हारी आसान नहीं
तुमको यूँ घबराना नहीं
पथ पर तुमको चलते जाना
अच्छा काम करते जाना
मेरे प्यारे शिक्षक बंधु,
रूकना तुम्हारा काम नहीं है
आगे बढ़ते जाना है
बच्चों को सिखलाना है
देश को महान बनाना है
मेरे प्यारे शिक्षक बंधु,
धैर्य का तुम साथ ना छोड़ो
किसी का विश्वास ना तोड़ो
तुम ही हो दीप प्रज्वलित
तुम को उजाला लाना है
मेरे प्यारे शिक्षक बंधु,
रचयिता
ललिता रानी,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उस्मानपुर,
विकास खण्ड-डिलारी,
जनपद-मुरादाबाद।
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