बन जाओगे तुम सबल

तर्ज-जो करते रहोगे भजन

जो करते रहोगे बच्चों
 यतन धीरे-धीरे...2
 तो बन जाओगे तुम 
 सबल धीरे-धीरे..2
 जो करते रहोगे बच्चों

जगाओ तुम पढ़ने की
 दिल में तमन्ना...2
 दिल में तमन्ना..2
 जगाओ तुम पढ़ने की
 दिल में तमन्ना
 रोज आते रहो तुम
स्कूल धीरे-धीरे।
 जो करते रहोगे बच्चों ...

जाओ अब जल्दी से तुम
 शरण में गुरु की..2
शरण में गुरु की...2
 आओ अब जल्दी से तुम
शरण में गुरु की
 स्वच्छ करेगा जो
मनस धीरे-धीरे।
जो करते रहोगे बच्चों

 कोई काम दुनिया में
नामुमकिन नहीं है..2
 नामुमकिन नहीं है..2
कोई काम दुनिया में
नामुमकिन नहीं है।
जो करते रहोगे
 प्रयत्न धीरे धीरे।
 जो करते रहोगे बच्चों

 कभी ना मिली है बैठे
  मंजिल  किसी  को..2
मंजिल किसी को..2
गँवाओ ना अनमोल
समय धीरे-धीरे।
 जो करते रहोगे बच्चों

 लगाओ पढ़ाई में
अभी ध्यान सारा...2
 अभी ध्यान सारा...2
 लगाओ पढ़ाई में
अभी ध्यान सारा
बढ़ाते चलो तुम
कदम धीरे-धीरे।
 जो करते रहोगे बच्चों

हैं माना अनेको हैं,
 कष्ट जिंदगी में,..2
 कष्ट जिंदगी में..2
है माना अनेकों है
कष्ट जिंदगी में
सबल जो बने होंगे
खत्म धीरे-धीरे।
 जो करते रहोगे बच्चों
यतन धीरे-धीरे
तो बन जाओगे फिर सबल धीरे-धीरे।

रचयिता
सुमन पांडेय,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय टिकरी मनौटी,
शिक्षा क्षेत्र -खजुहा,
जनपद-फतेहपुर।

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