करोना हारेगा जग जीतेगा

स्वयं पर रख कर नियंत्रण
जन - जन से दूरी बनाना होगा।
जल्दी संकट कटे महामारी से
घर में ही मंगल गीत गाना होगा।
रखें साफ - सफाई घर में,
औरों को भी समझना होगा।
करोना हारेगा जग जीतेगा।।

निर्बल असहाय भूखे पेट न सोएँ
अपने को करके सुरक्षित,
अन्न - जल उन्हें भी पहुँचा होगा
संकट बहुत बड़ा है जग में,
मानवता की रक्षा खातिर,
सबको हाथ बढ़ाना होगा।
करोना हारेगा जग जीतेगा।।

पड़ा है बज्रपात मानव जात पर
शिद्दत से महसूस कराना होगा,
अग्नि परीक्षा का यह दौर है
हम सबको मिल जिम्मेदारी निभाना होगा,
करना पड़े जो भी जतन,         
हर दु:ख सहकर बीमारी की श्रंखला को तोड़ना होगा।
करोना हारेगा जग जीतेगा।।

वर्जित खाद पदार्थों का सेवन न कर,
इटली, चीन, ईरान से सबक लेकर,
अब शुद्ध शाकाहार अपनाना होगा।
राष्ट्रहित में जो भी निर्णय लें सरकारें,
हम सबको सहृदय पालन कराना होगा।
करोना हारेगा जग जीतेगा।।

धरती के भगवान चिकित्सक
उनकी निकली वाणी को,
जन - जन तक पहुँचाना होगा।
सबकी सेहत की फ़िक्र लिए,
घर से निकले हर कर्मयोगी का,
आभार जताना होगा।।
करोना हारेगा जग जीतेगा।।

चारों तरफ हाहाकार मचा है
काँप रहा सारा संसार,
ज्ञान विज्ञान असहाय पड़ा है,
सदियों तक प्रकृति संग किया खिलवाड़।
विश्व समुदाय को अब सचेत हो जाना होगा।।
करोना हारेगा जग जीतेगा।।

लोहा मान चुकी अब दुनिया
अपनी सभ्यता संस्कृति की,
ज्ञान विज्ञान संग मूल्यों
संस्कारों का भी ज्ञान कराना होगा।
स्वच्छता परमार्थ मूल मंत्र है
नव पीढ़ी को भी यह भान कराना होगा।
करोना हारेगा जग जीतेगा।।

रचयिता
रवीन्द्र नाथ यादव,
सहायक अध्यापक,  
प्राथमिक विद्यालय कोडार उर्फ़ बघोर नवीन,
विकास क्षेत्र-गोला,
जनपद-गोरखपुर।

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