बेटी भइला पे टूटे मनवा हो, बोला काहे..

शैलेश अस्थाना ’ मऊ इस इलाके ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी इन दिनों एक सवाल तराने की शक्ल में गूंज रहा है- बेटी भइला पे टूटे मनवा हो, बोला काहे..। यह सवाल बेटी के पैदा होने पर मायूसी को लेकर है कि बेटी के जन्म पर मन उदास क्यों..। सवाल बेटियों को कोख में मार देने की मंशा पर है..। बेटियों के साथ भेदभाव और नाइंसाफी को लेकर यह सवाल है। सवाल किसी और ने नहीं खुद दो बेटियों ने उठाया है। मऊ, उप्र के अमिला गांव स्थित सरकारी प्राथमिक पाठशाला में इन दो बेटियों यास्मीन बानो और गुलिस्तां परवीन का लिखा यह गीत हर दिन गाया जाता है। दोनों खुद यह गीत प्रार्थना सभा के दौरान गाती हैं। गीत इतना मार्मिक है कि सुनने वाला प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता है। इनका यह गीत और इनकी यह प्राथमिक पाठशाला जिले से लेकर देश-प्रदेश तक चर्चा में है। पाठशाला में सुबह की शुरुआत राष्ट्रगान, प्रार्थना और बेटी बचाओ के गीतों से होती है, तो समापन वंदेमातरम से। यह पाठशाला अपने हर आयोजन को सामाजिक सरोकारों से जोड़ती दिखती है। जागरूकता का आलम यह कि कक्षा पांच में पढऩे वाली यास्मीन बानो और गुलिस्तां परवीन को यह पता था कि 13 मई को मदर्स डे है। ये बच्चियां मातृत्व दिवस पर बेटी बचाओ.. से संबंधित एक मार्मिक गीत- जन्मे बेटा बाजे सोरहो बजनवा, बेटी भइला पे टूटे मनवा हो बोला काहे, अब गरभे में मारल जाता जनवा हो, बोला काहे. स्वयं की प्रेरणा से तैयार कर प्रधानाध्यापक के पास पहुंच गईं। 12 मई की शाम जब उन्होंने अगले दिन पेश किए जाने वाले गीत के बोल सुनाए तो सभी करुणा से सराबोर हो गए। उसी समय एक अध्यापक ने इस गीत को रिकार्ड कर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया गया। नौ साल की यास्मीन बताती हैं कि एक स्कूल के फंक्शन में गीत को सुना तो उसे और समृद्ध कर लिख डाला। फिर सहेली गुलिस्तां संग तैयारी कर विद्यालय में सुनाया तो सर और मैडम लोगों ने तारीफ की। प्रधानाध्यापक ब्रजेश कुमार पांडेय ने गीत को प्रार्थना सभा के दौरान गाने का नियम बना दिया। गरीब परिवार से आने वाली बच्ची गुलिस्तां परवीन के बुजुर्ग दादा वकील अहमद कहते हैं कि हम तो नहीं पढ़ सके, लेकिन चाहते हैं पोते-पोतियां खूब पढ़ें-आगे बढ़ें। यास्मीन के नाना अब्दुल कादिर अमिला के नगर पंचायत अध्यक्ष हैं, वे चार बार सभासद भी रह चुके हैं। उनसे नतिनी के बारे में पूछा गया तो बोले, बच्ची लोगों को जागरूक कर अच्छा काम कर रही है। यास्मीन द्वारा वंदेमातरम गाए जाने को राष्ट्रभक्ति करार दिया। कहा, इसमें कोई हर्ज नहीं है, लोग राजनीति करते हैं।
साभारः- दैनिक जागरण

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