वृक्ष संरक्षण , जीवन संरक्षण

गर वृक्ष यूँ ही काटते रहे
तो कैसे फिर जी पाओगे...
इन वृक्षों के बिना इक दिन
समय से पूर्व ही जाओगे...

 ज्ञान सभी को है ये फिर भी
 अज्ञानी क्यूँ बनते हैं...
 क्यूँ  कृत्रिम सुविधाओं के लोभ में
 प्राणदाता के प्राण ही हरते हैं...

 इक दूजे से कहते हैं...
 पर खुद में कभी न विचार करें
 जो हमको जीवन देते हैं
 उनकी सुरक्षा का भी उपाय करें...

 इन्सां-इन्सां को छलता है
 प्रकृति कभी न छलती है
 पर अति की रगड़ जो होती है
 तो चंदन भी अग्नि उगलती है

 क्यूँ लाखों देते हैं डॉक्टर को
 कुछ पल की श्वासें देने के
 क्यूँ हाथ नहीं काँपते हैं
 वृक्षों को जड़ से काटने में

 तपती दोपहरी में तपकर भी
 तुमको शीतलता देते हैं 🌳
 तुम्हारी काया में जीवन हो
 एतदर्थ प्राणवायु देते हैं ...

 बन्द करो अब ये अँधेरी
 कुछ सच के भीे सन्मुख हो जाए
 त्याग के ये झूठी सुविधाएं
 वृक्षों के रक्षक बन जाए

 जिनके दर्शन मात्र से ही
आँखों में शीतलता आती है
संपर्क मात्र से ही जिनके
हमारी आयु बढ जाती है

ऐसे ईश सदृश वृक्षों का
आओ हम सब सम्मान करें
आओ संकल्प ले आज सब
 "बहुगुणा" बन वृक्षों का संरक्षण करें |

🌳🌳🌲🌴🌴🌻🌹🌻🌴🌴🌲🌳🌳
       
          विश्व पर्यावरण दिवस ( 5 जून 2018)
                                की
            सभी को दायित्विक शुभकामनाएँ

रचयिता
श्वेता मिश्र,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय किशोरपुर,
विकास क्षेत्र-अमाँपुर,
जनपद- कासगंज।

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