हम हैं राष्ट्रभक्त बलिदानी
हम हैं राष्ट्रभक्त बलिदानी,
हमको राष्ट्र प्रगति से प्यार।
श्रम शक्ति आराध्य हमारी,
हमको धरती माँ से प्यार।।
प्यारी धरती जीवन देती,
फसलों को देती आकार।
हमने श्रम की अलख जगाई,
हरित क्रांति हुआ विस्तार ।।
श्रम वीरो की हम संतानें ,
राष्ट्र-जगत के रचनाकार।
श्रम से धरती सोना उगले,
राष्ट्र प्रगति के सूत्रधार।।
हमने कष्ट सहे जीवन में,
सही भूख, मौत अकाल।
पर श्रम से हमने पायी हैं,
स्वर्ग,खुशहाली का उपहार।।
खाद्यान्नों का ढेर लगाया ,
भर दिया भारत का भण्डार।
हम हैं राष्ट्र प्रगति अभिमानी,
करते जगती से व्यापार।।
हम हैं राष्ट्रभक्त बलिदानी,
हम को राष्ट्र प्रगति से प्यार।
श्रम शक्ति आराध्य हमारी,
हमको धरती माँ से प्यार।।
रचयिता
रामकिशोर प्रजापति,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय विरहटा,
विकास खण्ड-चिरगाँव,
जनपद -झाँसी (उ.प्र.)
9453662488
हमको राष्ट्र प्रगति से प्यार।
श्रम शक्ति आराध्य हमारी,
हमको धरती माँ से प्यार।।
प्यारी धरती जीवन देती,
फसलों को देती आकार।
हमने श्रम की अलख जगाई,
हरित क्रांति हुआ विस्तार ।।
श्रम वीरो की हम संतानें ,
राष्ट्र-जगत के रचनाकार।
श्रम से धरती सोना उगले,
राष्ट्र प्रगति के सूत्रधार।।
हमने कष्ट सहे जीवन में,
सही भूख, मौत अकाल।
पर श्रम से हमने पायी हैं,
स्वर्ग,खुशहाली का उपहार।।
खाद्यान्नों का ढेर लगाया ,
भर दिया भारत का भण्डार।
हम हैं राष्ट्र प्रगति अभिमानी,
करते जगती से व्यापार।।
हम हैं राष्ट्रभक्त बलिदानी,
हम को राष्ट्र प्रगति से प्यार।
श्रम शक्ति आराध्य हमारी,
हमको धरती माँ से प्यार।।
रचयिता
रामकिशोर प्रजापति,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय विरहटा,
विकास खण्ड-चिरगाँव,
जनपद -झाँसी (उ.प्र.)
9453662488
सुंदर रचना, बधाई
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन रचना सर
ReplyDeleteअति उत्तम
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