शिक्षिका ने छात्र-छात्राओं को जागरूक कर रही शिक्षिका, विश्वास में लेकर बढ़ाया साहस
शर्मिंदगी नहीं अब आवाज उठाओ
छात्र-छात्राओं को जागरूक कर रही शिक्षिका, विश्वास में लेकर बढ़ाया साहस
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ : बच्चों के साथ होने वाली यौन शोषण की घटनाओं को लेकर शिक्षिका छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावकों
को भी जागरूक कर रही हैं। ताकि इस तरह की घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया
जा सके। अक्सर बच्चे शर्मिंदगी की वजह से इस तरह की घटनाओं को
परिजनों को नहीं बताते। बाद में यह
घटनाएं गंभीर रूप ले लेती हैं। जागरण ऐसी घटनाओं के प्रति अभिभावकों और बच्चों को जागरूक करने के लिए सीरीज चला
रहा है। पेश है पहली खबर। शहर से पांच किलोमीटर तालग्राम रोड से सटे गांव
कल्यानपुर प्राथमिक विद्यालय की
प्रधानाध्यापिका पूजा पांडेय इस मुहिम को आगे बढ़ा रही हैं। पूजा पांडेय ने अनुसार कुछ वर्ष पहले जब वह विद्यालय
में पहुंची तो कुछ छात्राओं का बदले व्यवहार ने उन्हें परेशान किया। जब
उन्होंने छात्राओं से पूछताछ की
तो उन्हें पता चला कि विद्यालय आते जाते समय कुछ लोग रास्ते में उनके ऊपर फब्तियां करते हैं। यह लोग अश्लील टिप्पणी
भी कर देते हैं। इसके बाद
प्रधानाध्यापिका ने इन छात्राओं के अभिभावकों को बुलाया और उन्हें इसकी जानकारी दी। अभिभावकों ने शर्म के चलते पहले तो बात
को वहीं खत्म कर देने के लिए कहा
लेकिन जब पूजा पांडेय ने उन्हें विरोध करने के लिए प्रेरित किया तो छात्राओं का साहस बढ़ गया। इसके बाद गांव में इस
तरह की घटनाओं पर कुछ हद तक अंकुश
लग गया। इसके बाद प्रधानाध्यापिका ने गांव की महिलाओं को भी इस तरह की घटनाओं के प्रति जागरूक करना शुरू कर दिया। वह
बच्चों को अक्सर इस तरह की
घटनाओं को लेकर जागरूक करती रहती हैं। वो बताती हैं कि अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं होती हैं।
पीड़ित बच्चा और उसके अभिभावक
शर्म की वजह से इन घटनाओं को छिपा ले जाते हैं। इसके चलते इन घटनाओं में शामिल लोगों के हौसले बुलंद हो जाते हैं। जब से गांव में लोगों से इस विषय पर बात की गई तब से काफी हद तक इस तरह की
घटनाओं पर अंकुश लग गया है। हम
सभी की यह जिम्मेदारी बनती है कि बाल यौन शोषण को लेकर आवाज
उठाई जाए और पूरे जोर के साथ इसका
विरोध किया जाए। मार्च माह से जब खेतों में मक्का की फसल
शुरू हो जाती है तो ग्रामीण
क्षेत्रों से आने वाली छात्राओं को काफी परेशान होती है। अक्सर बालिकाएं स्कूल में आकर बताती हैं कि मक्के के खेत के
पास खड़े लोग छेड़छाड़ के इशारे कर रहे थे। अश्लील हरकतें कर रहे
थे, इसको लेकर उन्हें जागरूक किया जा रहा है।
1. छात्राओं से स्नेह
पूर्वक वार्तालाप कर उनकी झिझक को दूर किया जाए।
2. समय-समय पर
विद्यालयों में छात्राओं के साथ इस बात को लेकर काउंसलिंग की जाए।
3. अभिभावकों को
विद्यालय में बुलाकर उन्हें भी बच्चों की इस परेशानी से अवगत कराया जाए।
साभारः- दैनिक जागरण
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