बात
बात की ही बात है ,
बात ही हर मोहरे की बिसात है ।
जिसके पास बात की सौगात है ,
उसके पास खुशियों की बारात है।
बात ही बता देता है कि ,
व्यक्ति की क्या औकात है ।
उसकी मंजिल ऐश्वर्य की चोटी,
या धूल भरी फुटपाथ है ।
बात की ही बात है ,
किसी के लिए खुशियों के दिन ,
किसी के लिए दुःखभरी रात है ।
ग़मों में बात प्यार की बरसात है ,
बात से ही हर रिश्ता प्राणवान है ।
रिश्तों को निभाने में बातों का ही हाथ है ।
बात करने का तरीका नहीं जिससे पास है,
कदम -कदम पर परेशानियाँ उसके साथ हैं ।
प्यार की बुनियाद है बात ,
हर दर्द की आवाज है बात।
जीवन की शुरुआत है बात ,
जीवन भर साथ-साथ है बात ।
मृत्यु के बाद भी याद करे जिसे दुनिया ,
अच्छे - बुरे कर्मों की याद है बात ।
रचयिता
वन्दना यादव " गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक ,
डोभी , जौनपुर।
बात ही हर मोहरे की बिसात है ।
जिसके पास बात की सौगात है ,
उसके पास खुशियों की बारात है।
बात ही बता देता है कि ,
व्यक्ति की क्या औकात है ।
उसकी मंजिल ऐश्वर्य की चोटी,
या धूल भरी फुटपाथ है ।
बात की ही बात है ,
किसी के लिए खुशियों के दिन ,
किसी के लिए दुःखभरी रात है ।
ग़मों में बात प्यार की बरसात है ,
बात से ही हर रिश्ता प्राणवान है ।
रिश्तों को निभाने में बातों का ही हाथ है ।
बात करने का तरीका नहीं जिससे पास है,
कदम -कदम पर परेशानियाँ उसके साथ हैं ।
प्यार की बुनियाद है बात ,
हर दर्द की आवाज है बात।
जीवन की शुरुआत है बात ,
जीवन भर साथ-साथ है बात ।
मृत्यु के बाद भी याद करे जिसे दुनिया ,
अच्छे - बुरे कर्मों की याद है बात ।
रचयिता
वन्दना यादव " गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक ,
डोभी , जौनपुर।
बहुत सुंदर पंक्तियाँ
ReplyDeleteलाजवाब ग़ज़ल
Bahut sundar likha
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर कविता है
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