कहानी एक पेड़ की
एक पेड़ की सुनो कहानी,
प्यारे बच्चों उसकी जुबानी।
इक सुन्दर सा पौधा था मैं,
माली को चाहता था मैैं।।
कितने लाड़ से पाल था मुझको?
सुबह-शाम जल दिया था मुझको।
हवा-रोशनी का भी रखा था ध्यान,
सीने से अपने लगा दिया मुझको मान।।
जब मैं जरा-सा बड़ा हो गया,
नर्सरी वालों से सौदा हो गया।
आज मेरे भी जाने का दिन है,
किसी और आँगन में सजने का दिन है।।
आज मैं बड़ा पेड़ हो गया हूँ,
आज मेरे कटने का दिन है।
काश मैं आज भी न काटा जाता,
कोई मुझे भी यहाँ आके बचाता।।
रचयिता
फहमीना मुईन,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय नगला पटवारी,
विकास खण्ड-जवाँ,
जनपद -अलीगढ़।
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