अन्तर्राष्ट्रीय रंगहीनता दिवस
काले-गोरे का भेद हैं करते,
एल्बिनिज़म को अलग हैं करते।
दुनिया के अनेक हिस्सों में,
वर्ण विभेदिता लोग हैं करते।।
मेलेनिन के उत्पादन के अभाव में,
रंगहीनता पाई जाती है।
वंशानुगत तरीके से रिसेसिव जीन द्वारा,
मानव की पीढ़ी दर पीढ़ी पायी जाती है।।
'एल्बिनों' धूप से झुलसने और,
त्वचा कैंसर का खतरा अधिक होता है।
समाज के दुर्व्यवहार के कारण,
ऐसे लोगों में अकेलापन अधिक होता है।।
प्रतिवर्ष 13 जून को,
"ऐल्बिनिज़म" दिवस मनाया जाता है।
समस्या पर ध्यान केंद्रित कर,
समाज में जागरूकता लाया जाता है।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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