विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम दिवस

बड़े-बुजुर्गों का करो सम्मान,

होते वह वट वृक्ष के समान।

पीड़ा-दर्द कभी ना उनको देना,

कुल के गौरव का रखना मान।।


नींव के ईट  सम होते ये धैर्यवान,

अन्दर से मजबूत, रहें ऊर्जावान।

अनुभव होते इनके, सदा गुणकारी

जीवन गुण सीख कर बनो महान।।


बड़े बुजुर्गों से है परम्परा का निर्वाह,

रीति-रिवाज बताते, करते परवाह।

बच्चों में संस्कार के, बीज हैं बोते,

ममता, प्रेम होता है, इनमें अथाह।।


दादा-दादी, नाना-नानी अनेक हैं सम्बन्ध,

बुजुर्गों के आशीर्वाद से होते नये अनुबन्ध।

खुशियों की वो, सदा दुआएँ देते, 

उनको कभी न करना तुम तंग।। 


वर्ष 2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने,

'विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम' दिवस मनाया।

15 जून के दिन की मान्यता दिये,

बुजुर्गों के प्रति दुर्व्यवहार को घृणित बताया।। 


समाज में बुजुर्गों के प्रति फैले,

लोगों में दुर्व्यवहार को मिटाओ। 

घर-घर में सम्मान हो बुजुर्गों का, 

वैदिक परमपरा को सब अपनाओ।।


रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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