श्री लाल बहादुर शास्त्री
लोग जिनकी सादगी पे मरते थे,
नाम लेके याद उनको करते थे।
परिश्रमी, विलक्षण प्रतिभाओं के धनी,
भारत माँ के लाल ऐसे बेटे थे।।
देकर 'मरो नहीं मारो का नारा',
सुनकर देश का दुश्मन इससे हारा।
शैली अद्वितीय 'प्रधानमंत्री द्वितीय',
भारत के बहादुर ऐसे बेटे थे।।
अपनी संस्कृत भाषा के महारथी,
तिरंगा रथ पे लेके चले सारथी।
सत्यनिष्ठ रोम-रोम में देशभक्ति,
भारत के शास्त्री ऐसे बेटे थे।।
रचयिता
ऋषि दीक्षित,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय भटियार,
विकास क्षेत्र- निधौली कलाँ,
जनपद- एटा।
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