विश्व मरुस्थलीकरण/सूखा रोकथाम दिवस
मरुस्थलीकरण-सूखा भूमि को,
बंजर और बेकार बना देती है।
शुष्क, अर्ध शुष्क और उप आर्द्र,
क्षेत्रों में भूमि का क्षरण करती है।।
अत्यधिक दोहन के कारण,
भूमि उपयोग योग्य नहीं होती है।
अस्थिरता, वनों की कटाई, अतिवृष्टि से,
भूमि की उत्पादकता भी कम होती है।।
30 जनवरी सन् 1995 को,
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव लाया।
सूखे से मुकाबला करने के लिये,
विश्व सूखा रोकथाम दिवस मनाया।।
वर्ष 1995 से प्रतिवर्ष 17 जून को,
सूखा रोकथाम दिवस मनाया जाता है।
बंजर और सूखी न हो यह धरती,
जन-जागरूकता लाया जाता है।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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